


एमपी की शिवराज सरकार (CM Shivraj Singh) ने हाल ही में नई आबकारी नीति की घोषित की है। बीजेपी नेताओं ने इसका स्वागत किया है, लेकिन पीसीसी चीफ कमल नाथ ने तंज कसते हुए नई शराब नीति घोषित होने के बाद मध्य प्रदेश को मदिरा प्रदेश कह दिया। अब कमल नाथ के इस बयान पर प्रदेश के मुखिया (CM Shivraj Singh) शिवराज सिंह चौहान आगबबूला हो गए हैं और उन्होंने कमल नाथ पर तीखा पलटवार किया है।
कमलनाथ ने मध्यप्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता का अपमान है
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि, कमलनाथ जी को मध्यप्रदेश की माटी से, यहां के संस्कारों से, यहां की संस्कृति से लगाव नहीं है। वो यहां की जड़ों से नहीं जुड़े हैं। वो मध्यप्रदेश को मदिरा प्रदेश कह रहे हैं, यह मध्यप्रदेश का अपमान है। यह मध्यप्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता का अपमान है। यह मध्य प्रदेश की संस्कृति, परंपराओं का अपमान है। मध्यप्रदेश के भोले-भाले लोग मेहनती, ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ और देशभक्त हैं। आप उनका अपमान कर रहे हैं।
आप का विरोध हमसे है तो आप हमें गाली दीजिए
सीएम शिवराज सिंह ने कमलनाथ पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, मध्य प्रदेश की जनता को ऐसे आहत मत कीजिए। आप का विरोध हमसे है तो आप हमें गाली दीजिए, लेकिन हम मध्य प्रदेश का अपमान सहन नहीं करेंगे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अगर आबकारी नीति बनाई है, तो जन भावनाओं को देखते हुए बनाई है। माताओं बहनों के सम्मान को देखते हुए बनाई है। नशे को हतोत्साहित करने के लिए बनाई है।
आप की नीति बनती तो ठेकेदारों के लिए बनती
सीएम शिवराज सिंह ने कमलनाथ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, आपने (कमलनाथ) उस समय फैसला किया था शराब ठेकेदार, उप दुकान खोल सकेंगे। उसकी राशि तय कर दी थी कितने करोड़ देकर उप दुकान खोल लेंगे। लाइसेंस के नियम को आसान करने की नीति कमलनाथ सरकार ने बनाई थी। सीएम ने ये भी कहा कि, आपने ऑनलाइन शराब बिकेगी, महिलाओं बहनों के लिए अलग से शराब की दुकान होंगी। आप की नीति बनती तो ठेकेदारों के लिए बनती। दवाब में बनती उनके हिसाब से बनती ।
हमने तय किया कि, हम सारे अहाते बंद करेंगे
सीएम ने आगे कहा कि, भारतीय जनता पार्टी की नीति है, नशे को हतोत्साहित करने के लिए, माता-बहन और बेटी के सम्मान को बरकरार रखने के लिए, इसलिए हमने तय किया कि, हम सारे अहाते बंद करेंगे। आप हमारा विरोध करें, लेकिन मध्यप्रदेश का अपमान ना करें। कम से कम मध्यप्रदेश के लिए तो आपके मन में सम्मान का भाव होना चाहिए। आपने प्रदेश का अपमान किया है। जनता इसे सहन नहीं करेगी।
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